पौराणिक कथाओं तथा नारद पंचराप्त के अनुसार एक समय जगदम्बा माता पार्वती अपनी दो सहचरियों के साथ मंदाकिनी नदी में स्नान करने के लिए आयीं थीं। उसी समय स्नान करते वक्त माता पार्वती काम से उत्तेजित हो उठीं। काम की उत्तेजना के कारण माता भवानी का तन (शरीर) काला पड़ गया। उसी समय उनकी सहचरी ‘डाकिनी’ तथा ‘शाकिनी’ क्षुधा को प्राप्त हुई। उन्होंने माता रानी से भोजन के लिए प्रार्थना की परन्तु माता ने उन्हें मना कर दिया तथा कैलास न जाकर माता से ही क्रोध करने लगीं और कहने लगीं कि, हे माता तुम समस्त जगत का भरण-पोषण करती हो किन्तु इस समय आप हमें भोजन न देकर हमारा तिरस्कार तथा अपमान कर रहीं हैं। इस तरह अपनी सहचरियों के मुख से इस प्रकार के शब्द सुनकर माता ने अपने खड्ग से अपनी तलवार से अपनी गर्दन को काट दिया। तदुपरान्त माता के धड़ (शरीर) से रक्त की तीन धाराऐं उत्पन्न हुईं। एक धारा स्वयं माता भगवती के श्रीमुख में गई तथा दो धाराऐं ‘डाकिनी’ तथा ‘शाकिनी’ के श्रीमुख में प्रवेश किया तथा काम की हृदय में उत्तेजना होने के कारण माता ने पत्नी ‘रती’ सहित कामदेव को बंदी बना लिया तथा उन दोनों के शरीर पर जगदम्बा आरूण हो गयीं।
माता छिन्नमस्ता
जैसा कि आपको ज्ञात है कि हमारा संस्थान श्रीवृद्धि आपके लिए प्रति दिन भक्तिमार्ग से जुड़ी हुई वस्तु कथा इत्यादि नवीन व मांगलिक जो व्यक्ति के जीवन में एक नवीन उत्तेजना का प्रादुर्भाव करती है। ऐसी ही हम एक नवीन माता छिन्नमस्ता की कथा को लेकर आपके समक्ष प्रस्तुत हुए है।
माता भगवती छिन्नमस्ता का श्रीधाम ‘झारखण्ड’ ‘रांची’ से 80 किलोमीटर दूर ‘रजथा रामगढ़’ में स्थित है। माॅ भगवती की जन्म तिथि वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को मनायी जाती है। माॅ छिन्नमस्ता अन्यत्र नामों से भी प्रसिद्ध है। जैसे-
- 1. छिन्नमुण्डा
- 2. छिन्नमुण्डधरा
- 3. आरक्ता
- 4. रक्तनयना
- 5. परक्तवान परायिणा
- 6. बज्रवराही
- 7. प्रयन्ड चण्डिका।
यह देवी त्रिगुणमयी हैं। सात्विक, राजसिक तथा तामसिक माता भगवती छिन्नमस्ता के जो भैरव हैं। वह ‘क्रोध भैरव’ है।
यह माता जगदम्बा साधक को अतिशीघ्र सिद्धि प्रदान करती हैं तथा सर्वस्व विजयी कराकर साधक को सदैव स्थिर रहने वाली लक्ष्मी एवं सम्पत्ती प्रदान करती हैं। यह जगदम्बा दश महाविद्याओं में से प´यम महाविद्या हैं।।
माॅ छिन्नमस्ता की कथा
माँ छिन्नमस्ता 2100 पाठ
माँ छिन्नमस्ता के रूप व स्वभाव को देखते हुए इनकी पूजा तांत्रिकों द्वारा तंत्र व शक्ति विद्या अर्जित करने व अपने शत्रुओं का नाश करने के उद्देश्य से की जाती हैं। आम भक्तों को केवल इनकी उपासना करने की सलाह दी जाती हैं ना की विशेष रूप से पूजा या साधना की।
माँ छिन्नमस्ता 5100 पाठ
माँ छिन्नमस्ता के रूप व स्वभाव को देखते हुए इनकी पूजा तांत्रिकों द्वारा तंत्र व शक्ति विद्या अर्जित करने व अपने शत्रुओं का नाश करने के उद्देश्य से की जाती हैं। आम भक्तों को केवल इनकी उपासना करने की सलाह दी जाती हैं ना की विशेष रूप से पूजा या साधना की।
माँ छिन्नमस्ता सवा लाख जाप
माँ छिन्नमस्ता के रूप व स्वभाव को देखते हुए इनकी पूजा तांत्रिकों द्वारा तंत्र व शक्ति विद्या अर्जित करने व अपने शत्रुओं का नाश करने के उद्देश्य से की जाती हैं। आम भक्तों को केवल इनकी उपासना करने की सलाह दी जाती हैं ना की विशेष रूप से पूजा या साधना की।
माँ छिन्नमस्ता सम्पूर्ण कवच
समस्त वस्तुएँ सवा लाख मंत्र एवं विशेष पूजन के द्वारा सिद्ध की गयी हैं ,इन समस्त वस्तुओं के उपयोग से आप अपने जीवन से संबंधित परेशानी को दूर कर सकते हैं ,ये वस्तुएँ आपके जीवन में उन्नति एवं उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करेंगी ।।
सर्व कार्य सिद्धि हेतु हवन
राजस यज्ञ सात्विक होता है , जिसे समस्त लोग कर सकते हैं , तामस यज्ञ सात्विक नहीं होता है तथा उसमें ड़लने वाली आहुति भी सात्विक नहीं होती हैं , तथा तानस यज्ञ जिसे तांत्रिक क्रिया से किया जाता है , इस यज्ञ में भी सात्विक आहुति नहीं ड़लती ,
Customers Testimonials
See why our users love us and how Anytime Astro helped them find their path to happiness!
“श्री वृद्धि एस्ट्रो के माध्यम से करवाई माँ कामाख्या की एक दिवसीय विशेष क्रिया का मुझे लाभ प्राप्त हुआ, मेरी प्रेमिका मुझसे 6 माह से दूर थी, मेरे पास लौट आयी।”
सौरभ शुक्ल
जोधपुर, राजस्थान“मेरा और मेरी पत्नी का 5 वर्ष का झगड़ा श्री वृद्धि एस्ट्रो के माध्यम से करवाई माँ बगलामुखी और माँ कामाख्या की एक दिवसीय क्रिया से केवल 15 दिन में खत्म हो गया, आज हम दोनों सुखी हैं।”
अनिरुद्ध वाजपेयी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश“मेरा और मेरी पत्नी का डाइवोर्स केस पिछले 12 साल से चल रहा था, में अपन रिश्ता खोना नहीं चाहता था श्री वृद्धि एस्ट्रो के माध्यम से माँ बगलामुखी और माँ कामाख्या के अनुष्ठान करवाने का मुझे लाभ मिला, आज हम एक प्रेमपूर्ण वैवाहिक जीवन जी रहे हैं ।”
विश्वास अवस्थी
सवाई माधोपुर, राजस्थान“हम दो भाइयों का प्रॉपर्टी का झगड़ा नवरात्री में श्री वृद्धि एस्ट्रो के माध्यम से करवाई माँ बगलामुखी की विशेष क्रिया से खत्म हो गया, आज हम साथ में हैं।”
तरुण
उदयपुर, राजस्थान“मेरे और मेरे पति के मध्य एक महिला ने आकर हमारा रिश्ता ख़राब किया था, श्री वृद्धि एस्ट्रो के माध्यम से करवाई माँ बगलामुखी और माँ कामाख्या की एक दिवसीय क्रिया से केवल 1 माह में वो महिला मेरे पति को छोड़ कर चली गयी अब 3 साल से आज हम दोनों सुखी हैं।”
संजना माहेश्वरी
बेगुसराय, बिहार“मेरे प्रेमी को एक लड़की ने झूठे केस में फसकर अपने साथ रिश्ते में लेने को ब्लैकमेल किया था, मैंने श्री वृद्धि एस्ट्रो के माध्यम से माँ बगलामुखी की एक दिवसीय क्रिया करवाई, 22 दिन में वो लड़की माफ़ी मांगने आ गयी, आज हम दोनों खुश हैं।”
अनुपमा दुबे
अहमदाबाद, गुजरात“मेरी और मेरे पति का प्रेम विवाह हुआ था, शादी के कुछ टाइम बाद मेरे पति मुझसे दूर दूर रहने लगे थे, मैंने माँ कामाख्या की 1 दिवसीय विशेष क्रिया श्री वृद्धि एस्ट्रो के माध्यम से करवाई आज हम दोनों साथ हैं।”
समृद्धि परिहार
कोटा, राजस्थान“मेरी उम्र बढ़ रही थी, शादी नहीं हो रही थी, किसी का मेरी ओर कोई आकर्षण नहीं था, श्री वृद्धि एस्ट्रो के माध्यम से मैंने माँ कामाख्या का अनुष्ठान करवाया और देखिये, जो अब तक नहीं हुआ 2 महीने में मेरी शादी हुई, और मेरे शौहर मुझे बहुत प्यार करते हैं।”
शबाना बानो
राउरकेला, ओडिशा“देवी छिन्नमस्तिका को समर्पित ये पूजा बेहद फलदायीहै। ये पूजा भक्तों को आकर्षित करती है,अभयदान देती है। मुझे ये अनुभव तब हुआ जब मैनें www.shreevruddhiastro.com के जरिये उनका अनुष्ठान किया। हे देवि! ऐसे ही सबके कष्टों को हरों”
Raj Kumar
Nasik“ मैंने भी यही महसूस किया है कि यह मां छिन्नमस्तिका महा अनुष्ठान पूजा कितनी अच्छी और प्रभावी है। श्री वृद्धि एस्ट्रो अन्य पुरोहितों की तुलना में बहुत कम शुल्क लेते हैं। और जब प्रभाव समान हों, तो अतिरिक्त पैसा खर्च करने का कोई मतलब नहीं है।”
Avnish Chaturvedi
Delhi“छिन्नमस्ता का मतलब वैसे तो आप सब जानते होंगे। लेकिन मेरे लिए ये मतलब सुख-समृद्धि का प्रतीक साबित हो रहा है,तब से जब से मैनें ये अनुष्ठान कराया। थैक्स फॉर यू सर जी”