52 सिद्ध पीठों तथा समस्त ब्रम्हाण्ड के तंत्र , सम्मोहन, वशीकरण, स्तंभन , की अधिष्ठात्री देवी माँ कामाख्या के श्री चरणों में हम कोटी कोटी प्रणाम करते हैं , पूर्वोत्तर भारत के राज्य असाम में गुवाहाटी क्षेत्र के अंतर्गत नीलाञ्चल पर्वत के शिखर पर विराजमान भगवती कामाख्या 52 सिद्ध पीठ तथा सम्पूर्ण तंत्र विद्या की अधिष्ठात्री देवी हैं,
यहाँ मनुष्य कुछ वर्ष माता की साधना करके तुरित तंत्र माया को प्राप्त कर लेता है परंतु साधना करते वक्त मनुष्य का भाव निष्काम होना चाहिए , माँ कामाख्या देवी का प्रादुर्भाव माता शती के शरीर छोड़ जाने के उपरांत भगवान शंकर जी के द्वारा उनके शरीर को अपने कंधे पर रख कर समस्त ब्रम्हांड में व्योग एवं करुणक्रंदना करते वक्त श्री हरी विष्णु जी के सुदर्शन चक्र के द्वारा माता कामाख्या के साथ साथ 51 सिद्ध पीठों का प्रादुर्भाव हुआ ।।
यदी कोई स्त्री किसी पुरूष को अपने पती के रूप में प्राप्त करना चाहती हो तो बह माता कामाख्या की आराधना करे ,माता कामाख्या का सूक्ष्म अनुष्ठान 11000 मंत्रों का होता है जिसमें मुख्य आचार्य के साथ दो उपाचार्य का होना अनिवार्य है तथा यह अनुष्ठान त्रिदिवसीय ( तीन दिन ) का होता है , तथा पूर्ण अनुष्ठान 125000 ( सवा लाख ) मंत्रो का अनुष्ठान 11 दिन 2 आचार्य 9 उपाचार्यों के साथ पूर्ण होता है जो समय से पूर्व समस्त मनोरथ पूर्ण करता है ।।